नई दिल्ली। कोयला, खनन व भूमि अधिग्रहण जैसे विधेयक राज्य सभा में अटकने के मद्देनजर सरकार ने विपक्ष से आर्थिक सुधारों की राह में रोड़ा न अटकाने की अपील की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि देश के पास आगे बढ़ने का ऐतिहासिक अवसर है। भारतीय अर्थव्यवस्था अगले साल चीन को पछाड़कर आठ प्रतिशत की विकास दर को पार कर सकती है। इसलिए विपक्ष को बाधक की भूमिका नहीं निभानी चाहिए।
लोकसभा में आम बजट 2015-16 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट समर्थक होने संबंधी विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कॉरपोरेट कर की दर अगले चार साल में चरणबद्ध तरीके से 30 से घटाकर 25 प्रतिशत करने व संपत्ति कर खत्म करने के फैसले का बचाव भी किया। वित्त मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए उस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से विनियोग विधेयक पारित कर दिया।
कॉरपोरेट टैक्स में कमी संप्रग का ही आइडिया
वित्त मंत्री ने कहा कि कॉरपोरेट कर को घटाने का विचार उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ही उधार लिया है। दुनिया भर में कॉरपोरेट टैक्स की प्रभावी दर 23, आसियान में 21.9 व यूरोप में 19.66 प्रतिशत है। ऐसे में अगर भारत में कर की दर 30 प्रतिशत होगी तो यहां कौन निवेश करेगा। जब प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) विधेयक में संप्रग सरकार ने इसे घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था, तब यह सही था। आज जब राजग सरकार यह प्रस्ताव कर रही है तो कांग्रेस कॉरपोरेट समर्थक होने का आरोप लगा रही है। रही बात संपत्ति कर की तो सरकार को इससे 9,000 से 10,000 करोड़ रुपये प्राप्त होते थे। लेकिन अब धनाढ्य वर्ग पर दो प्रतिशत सरचार्ज लगने से 9,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी।
जेटली ने अधिकाधिक क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के लिए खोलने को न्यायोचित ठहराया। उन्होंने कहा कि नौकरियों के सृजन, ढांचागत विकास व सामाजिक कार्यक्रमों के लिए अधिक फंड की जरूरत होगी। वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक को भी ब्याज दरें घटाने का परोक्ष संदेश दिया। जेटली के मुताबिक, अगर ऐसा नहीं हुआ तो विकास दर को नुकसान पहुंचेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के लिए आगे बढ़ने का यह ऐतिहासिक अवसर है। पूरी दुनिया भारत को चमकते सितारे के रूप में देखती है। हमें इस अवसर का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने विपक्ष से व्यवधानकारी राजनीति को समाप्त करने की अपील की। वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति इस समय भारत के पक्ष में है। ब्राजील के समक्ष चुनौतियां हैं, यूरोप की वृद्धि दर कम पड़ गई है। चीन की विकास दर सात प्रतिशत के आसपास है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का कहना है कि भारत चीन को पीछे देगा।
भाषण की खास बातें
-कालेधन पर कानून बनाने को इसी सत्र में बिल पेश करेगी सरकार
-कालेधन के दोषियों को होगी 10 साल की सजा
-राजग ने दो बजट में मध्यवर्ग को दी 1,70,000 रुपये की कर छूट
-राजग सरकार ने 11 बार घटाए पेट्रोल के दाम
-चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिशों से सभी राज्यों को फायदा
-राज्यों को मिलेंगे 1,86,000 करोड़ रुपये ज्यादा
-ढांचागत क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश
-पिछड़े राज्यों को अपनानी होंगी प्रगतिशील नीतियां
-बिहार व बंगाल को मिलेगा आंध्र प्रदेश जैसा विशेष पैकेज
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