
जयराम रमेश की वापसी तयजबकि, भूमि अधिग्रहण को लेकर जंतर-मंतर पर रैली कर चुके जयराम रमेश की वापसी टीम राहुल में हो गई है। जानकारी के मुताबिक संप्रग सरकार के पतन के बाद जयराम टीम राहुल से बाहर चल रहे थे। वापसी के बाद जयराम को राहुल के कार्यक्रमों में बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलनी तय है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी अपनी टीम के साथ मंत्रणा में व्यस्त हैं। बदलाव का खाका खीच चुके राहुल संप्रग की बदनामी से पीछा छुड़ाने के लिए तत्कालीन सरकार के चेहरा रहे मंत्रियों को अपनी टीम में जगह नही देंगे।
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समायोजित होंगे सोनिया के वफादार
जबकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के वफादारों को विशेष कार्यकारिणी में समायोजित करने अथवा महासचिवों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी विमर्श हो रहा है। हालांकि, इन नेताओं पर राज्य अथवा पार्टी संगठन में सीधे दखल देने का अधिकार नही होगा।
प्रदर्शन करो या पद छोड़ो का संदेश
वहीं अपनी टीम के लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण पदों से नवाज रहे राहुल ने 'प्रदर्शन करो या पद छोड़ो' का संदेश दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस में होने जा रही नई नियुक्तियों को प्रदर्शन के आधार पर आंका जाएगा। पार्टी इसके लिए एक निगरानी तंत्र बना चुकी है। हालांकि, पूर्व में पार्टी प्रवक्ताओं के प्रदर्शन व प्रभाव की निगरानी के लिए बना ऐसा ही एक तंत्र विफल हो चुका है।
नए तेवरों में नजर आएंगे राहुल
इस बीच संसद में जोरदार वापसी की तैयारी कर रहे राहुल नए तेवरों में नजर आएंगे। जयराम रमेश के मुताबिक 'राहुल गांधी अब लोगों के बीच और सुलभ होंगे। वे देश के लिए बोलते नजर आएंगे, और अपनी भागीदारी सुनिश्चत करेंगे। वह कांग्रेस के लिए मोर्चा संभालेंगे। हमलोग को ऐसे नेतृत्व की ही जरूरत है।'
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